Blogs Blog Details

“शिक्षा की सही राह – ग्रहों के संकेतों से मिलती है।”

01 Jun, 2025 by Dr Narendra

“शिक्षा की सही राह – ग्रहों के संकेतों से मिलती है।”

शिक्षा के क्षेत्र की पहचान: वैदिक ज्योतिष से करियर की नींव

क्या आपके बच्चे को डॉक्टर बनना चाहिए या इंजीनियर? क्या वो कला में उत्कृष्ट होगा या विज्ञान में? यह सवाल हर माता-पिता के मन में होता है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र इस विषय में स्पष्ट मार्गदर्शन देने में सक्षम है। जन्म कुंडली के विश्लेषण से व्यक्ति की शैक्षणिक प्रवृत्तियाँ, योग्यताएँ और विषय विशेष में रुचि को पहचाना जा सकता है।

बुद्धि, स्मृति और ग्रहण शक्ति का आकलन विशेष रूप से चंद्रमा, बुध, पंचम भाव (विद्या भाव), चतुर्थ भाव (मूल शिक्षा), और नवम भाव (उच्च शिक्षा) से किया जाता है। यदि चंद्रमा स्थिर और शुभ स्थिति में हो, और बुध बली हो, तो व्यक्ति की समझ और संवाद क्षमता तीव्र होती है।

पंचम भाव में यदि बृहस्पति या शुक्र जैसे शुभ ग्रह हों, तो व्यक्ति में शिक्षावृत्ति, शोध, और रचनात्मकता का विशेष योग होता है। विज्ञान, गणित, कला, वाणिज्य, या मैनेजमेंट—हर क्षेत्र से जुड़े ग्रह संकेत कुंडली में मौजूद रहते हैं। उदाहरणतः मंगल तकनीकी और इंजीनियरिंग की प्रवृत्ति देता है, जबकि शुक्र कला और डिज़ाइन में रुचि का कारक है।

गलत विषय चयन भविष्य में तनाव, असफलता या करियर बदलने की स्थितियाँ पैदा कर सकता है। इसलिए उचित समय पर ज्योतिषीय मार्गदर्शन से छात्र अपने स्वभाव और प्रतिभा के अनुसार सही दिशा चुन सकता है।

और अधिक जानकारी के लिए अभी डाउनलोड करें – Astro Vishva App और हमारे अनुभवी ज्योतिष विशेषज्ञों से परामर्श लें।