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"आपकी कल्पनाशक्ति ही आपका भविष्य गढ़ सकती है– बस ज़रूरत है ग्रहों की सही पहचान की।”

01 Jun, 2025 by Dr Narendra

“आपकी कल्पनाशक्ति ही आपका भविष्य गढ़ सकती है – बस ज़रूरत है ग्रहों की सही पहचान की।”

रचनात्मक प्रतिभा की पहचान: वैदिक ज्योतिष से कला और अभिव्यक्ति के सूत्र

हर बालक या युवा में कोई न कोई अनोखी रचनात्मक प्रतिभा (Creative Talent) छिपी होती है—किसी में संगीत की झलक, किसी में लेखन की कला, तो कोई चित्रों के माध्यम से अपनी दुनिया गढ़ता है। लेकिन कई बार यह प्रतिभा समय पर पहचान में नहीं आती और उसका विकास रुक जाता है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र इस छिपी प्रतिभा को उजागर करने का एक प्राचीन, वैज्ञानिक और आध्यात्मिक माध्यम है।

कुंडली में पंचम भाव को रचनात्मकता, कल्पनाशक्ति, अभिनय, लेखन, गायन, नृत्य जैसे कलात्मक गुणों का कारक माना जाता है। यदि पंचम भाव में शुक्र, चंद्रमा, बुध, या बृहस्पति जैसे ग्रह शुभ स्थिति में हों, तो व्यक्ति में जन्मजात कलात्मक झुकाव होता है। शुक्र संगीत, नृत्य और सौंदर्य का प्रतीक है, तो चंद्रमा कल्पना शक्ति और भावनात्मक अभिव्यक्ति को दर्शाता है।

द्वादश भाव भी गूढ़ रचनात्मकता से जुड़ा होता है, जो व्यक्ति को लेखन, स्क्रिप्टिंग, फिल्म या फोटोग्राफी जैसी कलाओं की ओर प्रेरित करता है। अगर बुध और शुक्र की युति हो, विशेष रूप से मिथुन, तुला या मीन राशि में, तो यह रचनात्मक संवाद और डिज़ाइन की प्रतिभा को बढ़ाता है।

रचनात्मक क्षेत्र में करियर बनाने के लिए समय रहते इस योग की पहचान और सही मार्गदर्शन आवश्यक है, वरना यह गुण दब कर रह जाता है।

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