Blogs Blog Details

“खेल का भविष्य आपके ग्रहों में लिखा है – उसे पहचानिए और विजेता बनिए!”

01 Jun, 2025 by Dr Narendra

“खेल का भविष्य आपके ग्रहों में लिखा है – उसे पहचानिए और विजेता बनिए!”

खेलों में सफलता की संभावना: वैदिक ज्योतिष से जानें आपके भीतर छिपे विजेता को

आज की युवा पीढ़ी में खेल केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि एक सशक्त करियर विकल्प बन चुका है। लेकिन क्या हर बच्चा या युवा खेलों में उत्कृष्टता हासिल कर सकता है? इसका उत्तर वैदिक ज्योतिष शास्त्र में मिलता है, जहाँ जन्म कुंडली के माध्यम से खेलों में सफलता की संभावनाओं का सूक्ष्म विश्लेषण किया जा सकता है।

खेल में सफलता के लिए शारीरिक बल, सहनशक्ति, मानसिक एकाग्रता, प्रतिस्पर्धा की भावना और नेतृत्व क्षमता आवश्यक होती है। ये सभी गुण जन्म कुंडली में लग्न, तीसरा भाव (पराक्रम भाव), छठा भाव (प्रतिस्पर्धा व संघर्ष), पंचम भाव (प्रतिभा) और दशम भाव (कर्म व करियर) से देखे जाते हैं।

मंगल खेलों का मुख्य ग्रह माना जाता है—यह ऊर्जा, साहस, गति और जोश का प्रतीक है। मंगल का बलवान और शुभ स्थिति में होना खिलाड़ी को आक्रामकता, आत्मविश्वास और शारीरिक दक्षता प्रदान करता है। यदि तीसरे या छठे भाव में मंगल, सूर्य या राहु का प्रभाव हो, तो व्यक्ति में प्रतियोगिता जीतने की तीव्र प्रवृत्ति होती है।

दशम भाव में शुभ ग्रहों की स्थिति और कर्मेश की ताकत यह दर्शाती है कि खेल को व्यक्ति करियर के रूप में कितना आगे ले जा सकता है। वहीं शनि की भूमिका भी महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि यह परिश्रम, अनुशासन और निरंतर अभ्यास की क्षमता को दर्शाता है।

यदि ये योग विद्यमान हों, तो व्यक्ति को खेल क्षेत्र में प्रोत्साहन देना अत्यंत लाभकारी होता है।

और अधिक जानकारी के लिए अभी डाउनलोड करें – Astro Vishva App और हमारे वैदिक विशेषज्ञों से मार्गदर्शन लें।