Need Guidance On Your Problems?
Consult With The Best Online Astrologers
प्रश्न कुंडली से उत्तर निकालने की विधि (
प्रश्न कुंडली, वैदिक ज्योतिष की एक महत्वपूर्ण शाखा है, जिसे प्रश्न शास्त्र या होरा शास्त्र कहा जाता है। इसमें व्यक्ति द्वारा किसी विशिष्ट क्षण पर पूछे गए प्रश्न के उत्तर, उसी क्षण की ग्रह-स्थिति (तारीख, समय और स्थान) पर आधारित होते हैं।
सबसे पहले उस क्षण की कुंडली बनाई जाती है जब प्रश्न पूछा गया हो और ज्योतिषी ने उत्तर देने का संकल्प किया हो। इस कुंडली में लग्न (Ascendant) बहुत महत्वपूर्ण होता है — यह प्रश्नकर्ता की मानसिकता और प्रश्न की गंभीरता दर्शाता है। लग्न का स्वामी, उसका भाव, और उस पर दृष्टि डालने वाले ग्रह महत्वपूर्ण होते हैं।
प्रश्न के प्रकार के अनुसार भाव देखे जाते हैं, जैसे:
• विवाह: 7वाँ भाव
• नौकरी: 10वाँ भाव
• संतान: 5वाँ भाव
• खोई चीज़: 2वाँ, 4था, 8वाँ, 12वाँ भाव
• स्वास्थ्य: 6वाँ भाव
• यात्रा: 9वाँ या 12वाँ भाव
चंद्रमा की स्थिति व्यक्ति के मन की स्थिति बताती है। चंद्र किस नक्षत्र और भाव में है, तथा उस पर कौन-कौन से ग्रहों की दृष्टि है, यह देखा जाता है। शुभ ग्रहों (गुरु, शुक्र, बुध) का प्रभाव सकारात्मक उत्तर की ओर संकेत करता है, जबकि अशुभ ग्रह (मंगल, शनि, राहु, केतु) नकारात्मक संकेत दे सकते हैं।
अंततः ग्रहों की स्थिति और दृष्टि के आधार पर उत्तर “हाँ” या “नहीं” में दिया जाता है, और कई बार समय की भी भविष्यवाणी की जाती है।